हम जानते है की आज के समय में दिल से जुडी कई प्रकार की बीमारियां लोगो को होती रहती है इसलिए अपने दिल का ख्याल रखना बहुत जरुरी होता है। आप अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए काफी कुछ जानना चाहते हो जैसे की BPM Full Form in Hindi, तो हम आपको आज के इस आर्टिकल में बीपीएम क्या होता है ? इससे संबंधित कई प्रकार की ऐसी जानकारियां देने वाले है जो आपको अवश्य पढ़नी चाहिए।
आप सब जानते है की एक अच्छी सेहत सबके लिए बहुत जरुरी होती है। इंसान तब तक जिंदा होता है जब तक उसका हृदय धड़कता रहता है। लेकिन सिर्फ हृदय धड़कना ही काफी नहीं है, अगर इंसानों का दिल तेज़ी से या फिर धीमी गति से धड़कता है तो यह दोनों ही स्थिति में खतरनाक है। इसलिए दिल का सामान्य तरीके से धड़कना जरुरी होता है। आपको हम बता दें की BPM मेडिकल से जुड़ा एक शब्द है, जो की हमारी दिल की धड़कन को मापते वक्त इस्तेमाल किया जाता है।
आपने BPM के बारे में कई बार सुना तो होगा लेकिन इसकी पूरी जानकारी न होने के कारण हम इसका मतलब नहीं समझ पाते। इसलिए हमने आपको बीपीएम से जुड़ी जरुरी जानकारियां दी है जैसे की BPM Ka Full Form, BPM क्या है, पल्स रेट कैसे चेक करें, हृदय गति प्रभावित होने के कारण, दिल को स्वस्थ रखने के उपाय, सामान्य BPM कितना होना चाहिए ? और बहुत सी ऐसी उपयोगी जानकारियां। हमें आशा है की आप हमारे इस लेख को पूरा पढ़ेंगे।
BPM Full Form in Hindi
बीपीएम का फुल फॉर्म Beats Per Minute होता है। BPM को हिंदी भाषा में बीट्स पर मिनट कहा जाता है जिसका मतलब प्रति मिनट में धड़कन की संख्या होता है।
- B – Beats
- P – Per
- M – Minute
BPM क्या होता है ?
एक मिनट में हमारा दिल जितनी बार भी धड़कता है उस धड़कन की संख्या को हम बीपीएम यानि Beats Per Minute कहते है। BPM को हार्ट रेट भी कहा जाता है, जिसको हम दिल की धड़कन को मापते समय इस्तेमाल करते है। हर व्यक्ति में हृदय की धड़कन की संख्या शरीर की शारीरिक आवश्यकताओं के हिसाब से अलग अलग होती है। केवल हृदय की धड़कन ही काफी नहीं है। हमारे दिल की धड़कन की जो धड़कने की गति होती है वो महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि अगर हृदय तेज़ी से या धीमी गति से धड़कता है तो वह अनियमित दिल की धड़कन एक गंभीर स्वास्थ्य का संकेत बन जाती है। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए की हमारा हृदय सामान्य तरीके से धड़कता रहे।
बीपीएम मेडिकल विभाग में उपयोग होने वाला एक टर्म है। हम आसान भाषा में समझे तो, मान लीजिये की एक मिनट में हमारे दिल की धड़कन 72 बार धड़कती है तो इसे हम 72 BPM कहेंगे या फिर आप इसे 72 हार्ट रेट भी कह सकते हो।
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BPM ( हार्ट बीट रेट ) की जांच कब करनी चाहिए ?
सामान्य बीपीएम की जांच आपको उस समय करनी चाहिए जब आप किसी भी प्रकार की गतिविधि में शामिल ना हो, कहने का यह मतलब है की जब आप आराम कर रहे हो तब आपको अपना हार्ट बीट रेट यानि BPM चेक करना चाहिए। जब आप किसी भी प्रकार की गतिविधि कर रहे हो जैसे की व्यायाम, भाग दौड़, खेल-कूद या फिर कोई काम करते समय आपके दिल की धड़कन तेज़ होने लगती है, इसलिए आपको उस समय बीपीएम की जांच नहीं करनी चाहिए।
पल्स रेट कैसे चेक करें ?
पल्स रेट चेक करने के लिए आप घर पर ही अपनी नब्ज़ से हार्ट बीट रेट का पता लगा सकते है। इसलिए आपको कुछ स्टेप्स फॉलो करने है जो इस प्रकार है –
- सबसे पहले आप समय देखने के लिए अपने पास एक घड़ी रख लें, जो सेकंड गिनती हो। Pulse Rate चेक करने के लिए आप मोबाइल फ़ोन का भी उपयोग कर सकते है।
- फिर अपनी कलाई पर पल्स को ढूंढे।
- अब आपको अपनी पहली उंगली ( Index Finger ) और मध्यम उंगली ( Middle Finger ) को अपनी कलाई पर अंगूठे के आधार पर रखनी है।
- आपको 30 सेकंड में Pulse यानि नब्ज़ के बीट को गिनना है।
- आपने जो बीट गिने है उसे दोगुना करना है। अब जो संख्या आएगी वही आपका हार्ट रेट यानि BPM होगी।
Normal BPM कितना होना चाहिए ? ( What is Normal BPM ? )
आप जानते है की हार्ट रेट Pulse यानि की नब्ज़ से जुड़ा होता है। एक मिनट में जितनी बार हमारा दिल धड़कता है उतनी ही बार हमारी नब्ज़ चलती रहती है। पल्स से ही हृदय की धड़कन का पता लगाया जा सकता है। हम आपको बता दे की Normal BPM ( हार्ट रेट ) बच्चे और बड़े दोनों में अलग अलग होता है।
आपको यह जानना जरुरी है की सामान्य हार्ट रेट कितना होना चाहिए ?, तो हम आपको बता दे की 10 साल या फिर उससे अधिक उम्र के सभी लोगो का नार्मल बीपीएम 60 – 100 के बीच होना चाहिए। अगर आपका हार्ट बीट इतना है तो ये सामान्य बीपीएम की श्रेणी में माना जाता है। जब आपकी पल्स सही चल रही है तो इसे हम नॉर्मल पल्स कह सकते है, लेकिन आपकी जरा भी तबियत बिगड़ती है तो उससे आपके दिल की धड़कन में बदलाव होना शुरू हो जाते है। इसी बदलाव को हम इर्रेगुलर पल्स कहते है।
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हृदय गति प्रभावित होने के कारण
ज्यादातर लोगो को इसके बारे में पता ही नहीं होता है की हृदय गति किन किन कारणों से प्रभावित हो सकती है। अगर हम डॉक्टर्स की माने तो आज के समय में हार्ट प्रॉब्लम का सबसे बड़ा कारण हमारी लाइफस्टाइल है। इसलिए हम आपको कुछ ऐसे कारण बताने वाले है की जिससे हृदय की गति प्रभावित होने की संभावना होती है।
- उम्र के कारण
- तनाव के कारण
- धूम्रपान करने पर
- दवाओं के सेवन से
- शरीर का आकार या मोटापा
- उच्च कोलेस्ट्रॉल
- कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस
- हवा या तापमान के कारण
- ब्लड प्रेशर
- ब्लड शुगर लेवल
- मधुमेह के कारण
- फिटनेस और कुछ गतिविधि के कारण
दिल को स्वस्थ रखने के उपाय
जैसे की हमने देखा की हृदय की गति कई कारणों से प्रभावित होती है। इसलिए हमें अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहिए। दिल को स्वस्थ रखने के लिए कुछ उपाय हमने बताएं है जो की इस प्रकार है –
- अच्छा खाना यानि की स्वस्थ भोजन को ग्रहण करें।
- फल का सेवन जरूर करें।
- नियमित रूप से रोजाना कोई भी गतिविधि करें जैसे की योग, दौड़ या फिर व्यायाम।
- धूम्रपान और शराब का सेवन बिलकुल ना करें, इससे हमारे दिल पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- वजन को सामान्य रखें, क्योंकि ज्यादा वजन होना भी हार्ट के लिए घातक साबित होता है।
- किसी भी तरह का टेंशन या स्ट्रेस ना लें। आप हमेशा अपने मन को शांत रखें।
- तनाव से दूर रहने की कोशिश करते रहे की जिससे आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकें।
Other Full Form of BPM
- Breaths Per Minute
- Business Process Modeling
- Block Program Manager
- Business Process Management
- Branch Post Master
- Business Performance Management
FAQ ( BPM Full Form )
BPM का फुल फॉर्म Beats Per Minute होता है।
बीपीएम का मतलब हिंदी में प्रति मिनट धड़कन की संख्या होता है।
जब हम आराम कर रहे है या फिर किसी भी प्रकार की गतिविधि में शामिल नहीं है तब हमें हार्ट बीट रेट की जांच करनी चाहिए। उस समय की हुई जांच से हमें सामान्य बीपीएम का पता चलता है।
घर पर ही हम अपनी Pulse ( नब्ज़ ) से हार्ट बीट रेट का पता लगा सकते है। सबसे पहले आपको 30 सेकंड में नब्ज़ के बीट को गिनना है। फिर उसी गिने हुए बीट को दोगुना करना है, अब जो संख्या आएगी वही आपकी हार्ट रेट होगी।
वैसे तो नॉर्मल बीपीएम बच्चे और बड़े दोनों में अलग अलग होता है। लेकिन 10 साल या उससे अधिक वर्ष के लोगों का सामान्य बीपीएम 60 – 100 के बीच होना चाहिए।
Conclusion
हमें उम्मीद है की आपको यह लेख बहुत पसंद आया होगा, क्योंकि हमने इस आर्टिकल में BPM से जुड़ी हर एक जानकारी को आप तक पहुंचाया है, जैसे की BPM Full Form in Hindi, बीपीएम क्या होता है ?, BPM की जांच कब करनी चाहिए ?, पल्स रेट को कैसे चेक करे ?, हृदय गति को प्रभावित करने वाले कुछ कारण, दिल को स्वस्थ रखने के उपाय, Normal बीपीएम के साथ कई और जानकारियां। आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।